नीमच। जिले के मनासा तहसील के पूर्व तहसीलदार कविता कड़ेल एवं वर्तमान तहसीलदार प्रियंका रावत पर नामांतरण के नाम पर अवैध राशि मांग करने के आरोप मानसा के निवासी दीपक वाधवा पिता अर्जुन देव वधवा ने लगाए हैं उक्त मामले को लेकर पीड़ित दीपक वधवा ने कलेक्टर की जनसुनवाई में एक शिकायती आवेदन प्रस्तुत कर बताया कि उसने ग्राम सावन तहसील नीमच स्थित सर्वे नंबर 886 मिन-1 विधिवत वैधानिक मालिक से बाजार मूल्य के रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के क्रय कर कब्जा प्राप्त किया था और उक्त भूमि जग जाहिर में क्रय की गई थी भूमि क्रय करने के बाद उसने नामान्तरण हेतु तहसील न्यायालय नीमच मे कार्यवाही की जो प्रकरण क्रमांक 0961/अ-6/2023-24 पर दर्ज हुआ जिसमें आपत्तिकर्ता दाखीबाई पति रोडमल, गोपाल पिता भगतराम, गंगाबाई पति अमरलाल, कैलाशीबाई देवीलाल दिलीप श्यामुबाई पिता अमरलाल सभी निवासीयान सावन द्वारा अवैधानिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिये बिना किसी विधिक आधार के आपत्ति प्रस्तुत की एवं आवेदन किया जिस पर तहसील न्यायालय ने आपत्तिकर्ता का आवेदन को निरस्त करने पर आपत्तिकर्ता द्वारा अपर कलेक्टर के समक्ष निगरानी प्रस्तुत की जो प्रकरण क्रमांक 007/निगरानी 2024-25 पर दर्ज हुई जिसमे अपर कलेक्टर द्वारा सुनवाई की जाकर आपत्तिकर्ता की निगरानी विधिक नही होने पर दिनांक 25.06.2024 को निरस्त कर दी गई है। निगरानी के निराकरण के बाद प्रकरण पुनः तहसील न्यायालय मे गया प्रकरण की सुनवाई पूर्व में पदस्थ पीठासीन तहसीलदार कविता कडेला द्वारा की जा रही थी जिनके द्वारा भी उक्त प्रकरण में अन्यथा उद्देश्य के अवैध राशि की मांगनी की गई और अवैधानिक प्रक्रिया अपनाते हुवे आपत्तिकर्ता को पूर्ण रूप से सहयोग किया और इतने में उक्त तहसीलदार कविता कडेला के स्थान पर अन्य तहसीलदार प्रियंका रावत पदस्थ हुई जो भी पुरी तरह पूर्व पीठासीन कविता कड़ेला के टच में होकर दोनो अधिकारीयो द्वारा मिली भगत कर उक्त प्रकरण में भारी राशि ऐंठने की दुषनियती से प्रकरण का निगरानी से निराकरण होने के बाद प्रकरण विधिवत होने से प्रकरण में दिनांक 24.07.2024 को नामान्तरण आदेश पारित कर दिया गया,उक्त प्रकरण में जब वर्तमान पदस्थ तहसीलदार प्रियंका रावत द्वारा आदेश पारित करने की भनक जैसे पूर्व पीठासीन तहसीलदार कविता कडेला जो कि नीमच में ही तहसीलदार के पद पर अन्य हल्के की सुनवाई के लिय पदस्थ है को लगी तो उक्त दोनो तहसीलदार अधिकारीया द्वारा मिटिंग कर योजना बद्ध तरीके से विहित प्रावधानो के विपरित जाते हुवे अपने पद का दुरूपयोग करते हुवे पीड़ित से भारी भ्रष्टाचार की राशि की खुल्ले आम मांग की और धमकी दी गई कि यदि उक्त राशि का भुगतान नही किया जाता तो इस आदेश को हमारी ताकत से रोक देगें और अमल दरामद नही होने देगें,पीड़ित की उक्त मांगी गई भ्रष्टाचार की राशि देने की हैसियत नही होने से प्रार्थी ने असमर्थता जताई जिस पर से उक्त तहसीलदार प्रियंका रावत द्वारा कविता कडेला से मिलकर आनन-फानन में अवैधानिक रूप से विहित प्रावधानो के विपरित जाकर एक पत्र फर्जी रूप से जारी कर दिया और दिनांक 24.07.2024 को पारित नामान्तरण आदेश के अमल दरामद को अपने अवैध भ्रष्टाचार की मंशा पुरी करने के लिये रूकवा दिया और इस प्रकार से विधि व कानुन को ताक में रखकर इन राजस्व अधिकारीयो द्वारा मनमानी की जाकर भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है यदि मामले में जाच की जाए तो ऐसे उदाहरण विधिवत रोज के सैकड़ो मामले सामने आयेगें।ज्ञापन में बताया गया कि नीमच में राजस्व अधिकारीयो व कर्मचारी की वसुली गेंगं चल रही है और भारी तौर से भ्रष्टाचार की वसुली कर अवैध सम्पत्तिया स्थापित कर रहे है और लोगो के साथ अन्याय हो रहा है।दिए गए ज्ञापन में पीड़ित दीपक वधवा ने मांग की है कि उक्त मामले को त्वरित संज्ञान लेवे और दोनो भ्रष्टाचारी तहसीलदार कविता कडेला एवं प्रियंका राबत के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाए।ओर इनकी अवैध सम्पत्ति को जप्त की जावे व इनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही की जाकर खुल्लेआम भ्रष्टाचार की मांग कर जनता व आम आदमी को प्रताड़ित करने, तथा आत्महत्या करने पर मजबूर करने के कृत्य करने के संबंध में उपरोक्त अधिकारियों की सेवा समाप्ति की जाकर प्रकरण दर्ज करवाया जावे। तथा इनके इस षडयंत्र संलिप्त प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की जावे एव नीमच जिले को इस राजस्व लुठेरी गेंग से मुक्ति प्रदान करवाई जावे।पीड़ित दीपक वधवा ने उक्त शिकायत की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन, लोकायुक्त कार्यालय भोपाल, राजस्व मंत्री मानव अधिकार मध्य प्रदेश भ्रष्टाचार ब्यूरो मुख्य निर्देश एवं प्रधानमंत्री भारत शासन पीआरओ नई दिल्ली को प्रेषित की है। मामले में जब तहसील दार कविता कड़ेल व प्रियंका रावत से फोन पर चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त मामले में आपत्ति लगी हुई है सारा कार्य प्रक्रिया के तहत निस्पक्ष रूप से किया गया है,हमारे द्वरा कोई राशि आवेदक दीपक वधवा से नही मांगी गई है उनके द्वरा लगाए गए आरोप निराधार है।