नीमच। जिले के ग्राम बामन बड़ी में गाँव के व्यक्ति द्वरा सामुदायिक मांगलिक भवन की भूमि पर फर्जी पट्टा नामा के आधार पर कब्जा करने का मामला सामने आया है उक्त मामले की शिकायत ग्रामीणों द्वरा मंगल वार को कलेक्टर की जन सुनवाई में आवेदन देकर की गई है।जिसमे बताया गया कि ग्राम पंचायत बामनबर्डी द्वारा शासकीय भूमि सर्वे नंबर 127/538 रकबा 0.1700हेक्टर को सामुदायिक / मांगलिक भवन हेतु सुरक्षित किया है,जिस पर ग्रामवासी बामन बर्डी द्वारा अपने निजी व्यय से बाउण्ड्रीवाल बनाई है। उक्त शासकीय भूमि सर्वे नंबर 127/538 रकबा मांगलिक सामुदायिक भवन की भूमि पर अतिक्रमणकर्ता हंसमुख पिता लक्ष्मीनारायण सुथार द्वारा फर्जी पट्टा बनाकर 40 बाय 30 अर्थात 1200 वर्ग फीट भूमि पर अवैध निर्माण कर लिया गया है तथा दीवानी न्यायालय में स्थगन वाद प्र. क्र. RCSA 58/2023 का प्रस्तुत कर रखा था,जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा फर्जी पट्टा होने के कारण अतिक्रामक हंसमुख सुथार का स्थगन आवेदन दिनांक 10.08.2024 को निरस्त कर दिया।जिस संबंध में जांच विधिवत हुई है,इसके बाद भी तहसीलदार,नीमच, अनुविभागीय अधिकारी, नीमच, जिला/जनपद पंचायत, नीमच द्वारा अतिक्रमण हंसमुख पिता लक्ष्मीनारायण सुथार का
अवैध निर्माण ध्वस्त नहीं किया जा रहा है अतिक्रामक द्वारा बताये जा रहे पट्टे की जांच मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत,नीमच ने की तथा पाया कि अतिक्रामक हंसमुख सुथार द्वारा बताये जा रहे बाबत ग्राम पंचायत बामनबर्डी के अभिलेख खंगाले, जिनमें प्रस्ताव पंजी कार्यवाही, ब्ल्यु प्रिंट,लेआउट,नक्षा आदि का रिकॉर्ड नहीं मिलने पर,जांच अधिकारी ने अपना अभिमत दिया कि अतिक्रामक हंसमुख सुथार द्वारा शासकीय आबादी भूमि पर अवैध अतिक्रमण किया गया है,. इसी प्रकार ग्राम पंचायत बामनबर्डी के तत्कालीन सचिव सोहनलाल शर्मा, से अतिक्रामक का पट्टा बताकर पुछताछ करने
पर उसने कथित पट्टा जारी नहीं करने तथा पट्टे पर हस्ताक्षर उसके होने से इंकार किया है,इससे स्पष्टतः प्रमाणित हो रहा है कि अतिक्रामक हंसमुख पिता लक्ष्मीनारायण सुथार, निवासी ग्राम बामनबर्डी द्वारा शासकीय आबादी की भूमि पर 40 बाय 30 का फर्जी पट्टा बनाकर ग्रामीण जनों एवं प्रशासन को धोखा देकर अवैध अतिक्रमण/निर्माण किया है,दिए गए आवेदन में ग्रामीणों ने मांग की है कि अतिक्रामक हंसमुख पिता लक्ष्मीनारायण सुतार द्वारा बताये जा रहे फर्जी पट्टे को निरस्त करते हुए, दोषी हंसमुख पिता लक्ष्मीनारायण सुतार के विरूद्ध फौजदारी मुकदमा विभिन्न धाराओं में दर्ज किया जाए,साथ ही अतिक्रामक द्वारा किये गये निर्माण को ध्वस्त किया जाए।