logo

परीक्षा अधीक्षक की बड़ी लापरवाही, एलएलबी के निरस्त हुव पेपर की घोषित दिनांक से पूर्व ली गई परीक्षा, छात्रों ने कीया प्रदर्शन परीक्षा अधीक्षक पर कारवाही की मांग

नीमच। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ़ एक्सीलेंस स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नाकोत्तर महाविद्यालय में लापरवाही का मामला सामने आया है। जिसमें एलएलबी के सेकंड सेम का पेपर निरस्त होने के बाद भी परीक्षार्थियों को परीक्षा हॉल में बिठा लिया गया साथ ही कॉपी और पेपर वितरित कर परीक्षा ली गई। परीक्षा केंद्र पीजी कॉलेज में एलएलबी के 106 रजिस्टर्ड परीक्षार्थी थे जिनके सेकंड सेम के पेपर चल रहे हैं। पहले के टाइम टेबल अनुसार 24 अगस्त को कन्फिट्यूशन लॉ ऑफ इंडिया का होना था।जिसके निरस्त होने का नोटिफिकेशन 20 अगस्त को यूनिवर्सिटी ने जारी कर दिया गया था और संशोधित कर कॉन्स्टिट्यूशन लॉ आफ इंडिया का पेपर 10 सितम्बर होना था। लेकिन पीजी कॉलेज के परीक्षा अधीक्षक बीके अंब की लापरवाही के चलते  24 अगस्त को ही पेपर लेने की तैयारी कर ली गई और नोटिस बोर्ड पर भी रोल नंबर अंकित कर परीक्षार्थियों को परीक्षा कक्ष में बिठाकर पेपर और कॉपियां वितरित करते हुवे परीक्षा लेना प्रारम्भ कर दिया।इस दौरान परीक्षार्थियों ने अपना आधा पेपर भी हल कर दिया।सागर मंथन इस परीक्षा के 106 परीक्षार्थियों की उपस्थिति होनी थी परंतु केवल 13 परीक्षार्थी ही परीक्षा देने पहुंचे तो परीक्षा अधीक्षक को शंका हुई जिस पर उन्होंने यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर देखा तो पेपर निरस्त होने की जानकारी उनको मिली इसके बाद परीक्षा अधीक्षक ने सभी छात्रों के पेपर और कॉपियां वापस ले ली।उक्त मामले की जानकारी जब एबीपी के कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होंने कालेज परिसर में हंगामा करते हुवे नारेबाजी कर विरोध जताया और परीक्षा अधीक्षक की लापरवाही पर कार्रवाई की मांग की है इस मामले में परीक्षा अधीक्षक बीके अम्ब का कहना है कि परीक्षा निरस्ती को लेकर उन्हें किसी भी तरह का यूनिवर्सिटी और कॉलेज की तरफ से पत्र नहीं मिला है जिसके चलते पेपर को खोल लिए गए और परीक्षा लेना शुरू कर दी थी जैसे ही जानकारी मिली तो सभी से कॉपियां और पेपर लेकर यूनिवर्सिटी को अवगत कराया गया है। इस मामले को लेकर कॉलेज प्राचार्य डॉ. के. एल. जाट ने बताया कि एलएलबी सेकण्ड सेमेस्टर की परीक्षा 11 से 2 के बीच होने वाली थी। परीक्षा के अधीक्षक बी. के.अम्ब की लापरवाही सामने आई है,जिसकी जानकारी विक्रम विश्वविद्यालय को दे दी है। फिलहाल,जांच जारी है। जिस पर पुष्टिकरण होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

Top