नीमच। भारतीय किसान संघ ने मंगलवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद महानिदेशक के नाम एक ज्ञापन नीमच प्रबंधक सी पी पचौरी को सोपा। जिसमें भारतीय किसान संघ अखिल भारतीय प्रबंध समिति की बैठक जो कि उड़ीसा ,भुवनेश्वर में हुई , में लिए गए प्रस्ताव के अनुसार केंद्र सरकार के अधीन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा किसान हित के आड़ में कई देसी, विदेशी कंपनियों के साथ ऐसे समझौते किए जा रहे हैं जिससे हमारे आईसीएआर के वैज्ञानिक अपनी प्रतिभा ,योग्यता व कौशल को ताक में रखते हुए इन्हीं शोध पत्रों को स्वीकृति दे ,जबकि हमारे देश का वैज्ञानिक वर्षों से शोध कार्य करते हुए खेती को आगे बढ़ा रहा है वह सक्षम है, उनकी प्रतिभा योग्यता को ताक पर रखा जा रहा है ।भारत का किसान आईसीएआर के ऊपर विश्वास और भरोसा करता था । यह भरोसा आईसीएआर क्यों तोड़ना चाहता है ऐसे कई प्रश्न किसानों के मन में है भारत सरकार से आग्रह है कि आईसीएआर व संबंधित शोध केंद्रों को पर्याप्त वित्तीय प्रावधान करें तथा बजट में उल्लेखित निजी कंपनियों को शोध के लिए जो प्रावधान किए गए हैं उनको भी शासकीय शोध संस्थानों को उपलब्ध करावे। आईसीएआर द्वारा लिए गए उपरोक्त संदिग्ध समझोतों को निरस्त करें ,उपरोक्त विषय में विस्तृत जांच की जाकर इसमें लिप्त देश विरोधी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए । व्यापक बहस के बिना भविष्य में ऐसा समझौता करना बंद करें। केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र में सार्वजनिक शोध संस्थानों के लिए पर्याप्त वित्तीय प्रावधान करें ,इन सभी बातों को लेकर एक ज्ञापन दिया गया । ज्ञापन के दौरान संभागीय उपाध्यक्ष राधेश्याम धनगर ,जिला अध्यक्ष सुरेशचंद्र धाकड, जिला मंत्री विष्णु प्रसाद नागदा ,जिला कोषाध्यक्ष निलेश पाटीदार, जिला उपाध्यक्ष जमनालाल पाटीदार, हरी विलास पाटीदार ,पशुपालन प्रमुख नंदकिशोर नागदा ,जिला सह मंत्री दिनेश पाटीदार ,तहसील अध्यक्ष कैलाशचंद पाटीदार ,तहसील मंत्री बाबूलाल धाकड़,नंदलाल पाटीदार आदि कई किसान उपस्थित थे।