नीमच।जिले की रामपुरा तहसील के अंतर्गत आनेवाले ग्राम खिमला के ग्रामीण व किसान गुरूवार को बड़ी संख्या में कलैक्टर कार्यालय पहुचे जहा उन्होंने पहले धरना दिया उसके बाद मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एडीएम लक्ष्मी गामण को सोपा जिसमे बताया गया कि ग्राम खिमला ब्लॉक में कार्यरत ग्रीनको कम्पनी द्वारा अनुसूचित जनजाति एवं राजस्व भूमि के पट्टागृहिता गरीब एवं अशिक्षित किसानों को बहला फुसलाकर उनकी भूमियों के विक्रय पत्र निष्पादन की अनुमति हेतु जिला कलेक्टर को नियम विरुद्ध आवेदन प्रस्तुत कर कपटपूर्वक अनुमति प्राप्त की गई तथा गरीब अनुसूचित जनजाति के किसानों को अन्य स्थान पर भूमि उपलब्ध करवाने का प्रलोभन देकर आज पर्यंत भूमि उपलब्ध नहीं करवाई गई है।उपरोक्त किसानों की आजीविका का एकमात्र साधन कृषि ही है तथा कोई अतिरिक्त भूमि नहीं होने से उनके और परिजनों के समक्ष भूखों मरने की परिस्थितियां उत्पन्न हो चुकी हैं।उपरोक्त कम्पनी द्वारा गैर अनुसूचित जनजाति के कृषकों से क्रय की गई भूमियों का प्रतिफल 29 लाख रुपए प्रति एकड़ के मान से भुगतान किया जा रहा है जबकि अनुसूचित जनजाति के कृषकों को मात्र 02 लाख रुपए प्रति एकड़ के मान से प्रतिफल की राशि का भुगतान किया जा रहा है इतनी कम राशि में अनुसूचित जनजाति के कृषक अन्य स्थान पर कृषि भूमि खरीद पाने में भी असमर्थ हो रहे हैं।ग्रामीणों की नवीन बसाहट हेतु आवंटित की गई भूमि को मौजा पटवारी एवं राजस्व कर्मचारियों द्वारा मिलावट करके अवैध तरीके से एवं शासन को भ्रमित कर कम्पनी को आवंटित करवा दी गई है जिससे प्रभावित ग्रामीण जन के सम्मुख पलायन के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प शेष नहीं रहा है।उक्त कम्पनी द्वारा जिन व्यक्तियों की भूमियां क्रय नहीं की गई हैं उनकी भूमियों पर राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ मिलावट करके बलपूर्वक कब्जा करना आरंभ कर दिया है जिससे ग्रामीणजन अनावश्यक रूप से मालकी स्वामित्व की भूमियों से बेदखल किए जा रहे हैं।दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि सात दिवस की समयावधि में उपरोक्त समस्याओं का समाधान कर दोषियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावे अन्यथा मजबूरन ग्रामीणों के किसानों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा जिसकी समस्त जवाबदारी प्रशासन की होगी।