नीमच। मप्र सरकार द्वरा भाटखेड़ा में डूंगलावदा तक के शहरी हाईवे को टूलेन से फोरलेन बनाने के लिए 133 करोड़ की स्वीकृति दे दी है लेकिन बड़ी समस्या यह है कि इसी मार्ग पर पहले से ही हिंगोरिया ओवर ब्रिज का निर्माण टू लेन ओवर ब्रिज के हिसाब से किया जा रहा है। जबकि यह ब्रिज भी फोरलेन के हिसाब से बनाया जाना था। यह मौजूदा जनप्रतिनिधियों की अदूरदर्शिता एवं शासकीय विभागों की एक बड़ी तकनीकी खामी है। इससे नीमच की जनता की समस्या जस की तस ही रहेगी। हिंगोरिया ब्रिज निर्माण के बाद बड़ी दिक्कत तब आएगी जब टी आकार के ओवर ब्रिज पर हवाई पट्टी की ओर आने-जाने वाले वाहन हवाई पट्टी और नीमच व मंदसौर की दिशा में पलटेंगे।यह बात कांग्रेस नेता व जिला पंचायत सदस्य तरूण बाहेती ने करते हुए बताया कि भाटखेड़ा से डूंगलावदा के बीच करीब 133 करोड़ की फोरलेन सडक बनेगी, लेकिन इसी मार्ग पर वर्तमान में करीब 34 करोड़ की लागत से सेतु विकास निगम हिंगोरिया रेलवे फाटक पर टी आकार का ओवर ब्रिज बना रहा है। बाहेती ने कहा कि मुख्य बात यह है कि हिंगोरिया फाटक पर जो ओवर ब्रिज बन रहा है, वह टूलेन ब्रिज है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि फोरलेन सड़क को कैसे टूलेन ओवरब्रिज से जोड़ा जाएगा। बाहेती ने बताया कि टी पॉइंट आकार से बन रहे इस ब्रिज में पहले ही बड़ी समस्या आने वाली है। क्योंकि टी पॉईट की वजह से झांझरवाड़ा से आने वाले वाहन नीमच की और कैसे पलटेंगे और मंदसौर से आने वाले वाहन कैसे झांझरवाड़ा की ओर मुड़ेंगे ये बड़ी समस्या रहेगी। ओवर ब्रिज पर झांझरवाडा औद्योगिक क्षेत्र की ओर से आने वाले बड़े वाहनों का तो मुड़नाा ही मुश्किल होगा, जिससे ब्रिज के ऊपर ही भारी जाम लगने की संभावना है। इसके अलावा भी बाहेती ने जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।