logo

सिंगोली नगर परिषद ने कर दिया मप्र शासन की शासकीय भूमि का नामांतरण

सिंगोली(माधवीराजे)।जो काम देश के किसी भी भाग में नहीं हो सकता हो ऐसा काम भी चन्द रुपयों की खातिर सिंगोली में हो सकता है ऐसा इसलिए क्योंकि वर्तमान में कुछ ऐसा ही कारनामा उजागर हुआ है नगर परिषद सिंगोली का जिसमें परिषद ने नियमों और कानूनों को बला-ए-ताक पर रखकर मध्यप्रदेश शासन की करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन का नामांतरण निजी व्यक्ति के नाम पर कर दिया है जिसमें लाखों रुपए का लेनदेन किए जाने की चर्चा नगर में सर्वत्र व्याप्त है।सिंगोली में सरकारी जमीनों की हेराफेरी करने का राजस्व विभाग का एक मामला अभी तक ठण्डा भी नहीं पड़ा वहीं दूसरी सरकारी जमीन की हेराफेरी के मामले का पर्दाफाश हो गया है।मामला नए बस स्टैंड पर शासकीय भूमि सर्वे नम्बर 429 एवं 439 में स्थित शासकीय भूमि से जुड़ा हुआ है जिसमें जिला न्यायालय नीमच के प्रकरण क्रमांक/अपील क्र. 6/2010 के अनुसार न्यायालय नीमच द्वारा शासकीय भूमि घोषित किया गया है लेकिन दस्तावेजी कूटरचना का सहारा लिए जाकर न्यायालय से शासकीय घोषित भूमि के रिकॉर्ड में मनमाने तरीके से छेड़छाड़ करके स्थानीय निकाय द्वारा शासकीय भूमि का अवैध नामांतरण राजस्थान निवासी एक व्यक्ति के नाम पर कर दिया।पूरी तरह संदिग्ध नामांतरण में तत्कालीन मुख्य नगरपालिका अधिकारी की भूमिका ज्यादा शंकास्पद प्रतीत हो रही है क्योंकि परिषद की बैठक जिसमें नामांतरण स्वीकृत किया गया या तो परिषद के सदस्यों को अंधेरे में रखा गया अथवा परिषद यदि इस मामले में सम्मिलित है तो इसमें हुए एक बड़े सौदे से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि करोड़ों की सरकारी जमीन पर प्रस्तावित व्यावसायिक निर्माण के बाद बनने वाली दुकानों में अपनी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की चर्चाएं भी चल रही है।गत दिनों कलेक्टर द्वारा एक ग्राम पंचायत में सरकारी जमीनों की बन्दरबांट पर जो कार्यवाही की गई क्या इस मामले में भी दोषियों के विरुद्ध सरकारी जमीन को खुर्दबुर्द करने के मामले में पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए जिला प्रशासन द्वारा किसी तरह का एक्शन लिया जाएगा ?

Top