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हलफनामे में गलत जानकारी देने एवं पद का दुरुपयोग करने वाले ग्राम पंचायत सावन के सरपंच जितेंद्र कुमार माली को पद से हटाने की मांग, ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन, भ्रष्टाचार के लगाए आरोप

नीमच।हलफनामे में गलत जानकारी देने एवं पद का दुरुपयोग करते हुवे भ्रष्टाचार करने वाले ग्राम पंचायत सावन के सरपंच जितेंद्र कुमार माली को पद से हटाने की मांग को लेकर मंगलवार को एक बार फिर ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे जहा उन्होंने एक ज्ञापन सौंपकर बताया कि जनपद पंचायत नीमच अंतर्गत ग्राम पंचायत सावन के सरपंच जितेंद्र कुमार माली उर्फ जीवन माली पिता प्यारेलाल माली द्वारा पंचायत निर्वाचन के समय वर्ष 2022 में हलफनामे में गलत जानकारी दी गई और सरपंच बनने के बाद पद का दुरुपयोग किया गया।आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ संदिग्ध अवस्था में पकड़ा गया और वीडियो भी वायरल हुआ है।मनरेगा योजना भारी भ्रष्टाचार किया गया है।जिस पर वैधानिक कार्रवाई करते हुए ग्राम पंचायत सावन के सरपंच पद से जितेंद्र कुमार माली को हटाया जावे एवं पंचायत के खाते में सरपंच के हस्ताक्षर से लेन देन पर रोक लगाई जावे।ग्राम पंचायत सावन के सरपंच जितेंद्र कुमार माली द्वारा पंचायत चुनाव निर्वाचन के समय पीठासीन अधिकारी को पेश किए हलफनामे में केवल एक पत्नी (सपना माली) का उल्लेख किया गया है जबकि जितेंद्र कुमार माली द्वारा उषा आर्य नामक महिला से भी विवाह किया हुआ है, जो मल्हारगढ़ में शासकीय चिकित्सालय में स्टॉप नर्स के रूप में कार्य करती है। उषा मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी में निवास करती है और उसके सर्विस रिकॉर्ड में भी सपना पति जितेंद्र माली का नाम दर्ज है।उषा शासन के अधीन स्वास्थ्य विभाग में कार्य करती है, इस कारण उसका रिकॉर्ड शासन के चिकित्सा विभाग के पास उपलब्ध है जो स्वत: प्रमाण है जितेंद्र कुमार माली ने उसकी पहली ब्याहता पत्नी सपना माली को तलाक दिए बगैर हिंदू विवाह अधिनियम के विरुद्ध दूसरा विवाह उषा पिता राधेश्याम आर्य से किया हुआ है। जिसकी जानकारी पंचायत चुनाव के समय निर्वाचन आयोग से छिपाई गई है।जबकि उषा से जितेंद्र माली द्वारा मंदसौर में 24 मार्च 2024 को दोनों पक्षों के परिवार की मौजूदगी में अनुबंध कर विवाह किया हुआ है, जो कि पंचायत चुनाव के पूर्व का है। यह जानकारी निर्वाचन आयोग से छिपाई गई है।जितेंद्र कुमार माली सरपंच के पद पर रहते हुए चारित्रिक दुषप्रेरण के मामले में भी सार्वजनिक हुआ है। इसके दुराचरण के कारण सरपंच के पद की गरिमा धूमिल हुई है।सरपंच को उसकी दूसरी पत्नी उषा द्वारा आंगनवाड़ी क्रमांक 6 सावन की कार्यकर्ता पूजा कटारिया, मेघवाल के साथ उज्जैन के नानाखेड़ा पुलिस थाना क्षेत्र में एक होटल से पकड़ा गया।जिसका मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया व टीवी पर भी प्रसारित हुआ है। जिसमें जितेंद्र माली भी दिखाई दे रहा है जितेंद्र कुमार माली के द्वारा पहली पत्नी सपना माली को तलाक दिए बिना उषा आर्य से शादी की गई, उसके बाद उषा आर्य को तलाक दिए बिना आंगनवाड़ी क्रमांक 6 की कार्यकर्ता पूजा मेघवाल (कटारिया) पिता बगदीराम निवासी सावन से भी शादी की गई।आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को जितेंद्र कुमार माली अपनी हवस पूरी करने के लिए इधर-उधर घूमता रहा और आंगनवाड़ी में भी प्रभाव पूर्वक उपस्थिति दर्ज करवाता रहा। आंगनवाड़ी कमांक 6 की कार्यकर्ता पूजा व उसकी सहायिका कांताबाई दोनों ही ज्ञानोदय महा विद्यालय में क्रमश: मनासा व नीमच की शाखा में रेगुलर अध्ययनरत है। जिनकी खानापूर्ति प्रभाव पूर्वक सरपंच जितेंद्र माली करवाता रहा है। जिससे आंगनवाड़ी बंद रहते हुए भी खानापूर्ति की गई एवं शासन के पद और धन का दुरूपयोग हुआ है। जितेंद्र कुमार माली की दो पत्नियों और तीसरी से अवैध संबंध के मामले के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। विभिन्न समाचार पत्रों में भी फोटो सहित खबरें प्रकाशित हुई है। उज्जैन के नानाखेड़ा पुलिस थाना इलाके में जितेंद्र कुमार को उसकी ही पत्नी उषा के द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ पकड़ा जाकर विवाद होने के वीडियो और जुलूस निकालने की वीडियो सामने आ चुके हैं। जो भारतीय न्याय संहिता के अनुसार साक्ष्य विधान 65 के अंतर्गत पर्याप्त साक्ष्य हैं। सोशल मीडिया, अखबारों में और टीवी पर भी खबरें आई है। 6 सितंबर 2024 को जितेंद्र कुमार माली के विरुद्ध उसकी दूसरी पत्नी उषा आर्य द्वारा महिला पुलिस थाना नीमच में भी रिपोर्ट की जा चुकी है। जिस पर भारी दबाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। बाद में जितेन्द्र माली और उषा के बीच महिला पुलिस थाना में नोटरी शपथ पत्र के माध्यम से समझौता पेश किया गया था। जिसमें दोनों के बीच वैवाहिक संबंध का स्पष्ट उल्लेख है। ग्राम पंचायत सावन के सरपंच रहते हुए जितेंद्र कुमार माली द्वारा मनरेगा के तहत चलने वाली योजनाओं में भारी भ्रष्टाचार किया गया है और अपने-अपने मिलने वालों के खातों में राशि डलवा कर हड़प कर ली गई है, जबकि ऐसे लोगों ने मनरेगा में कोई कार्य नहीं किया है। मनरेगा में कार्य करने वालों की सूची में मजदूरी प्राप्त करने वालों में ऐसे लोगों के नाम भी दर्ज है, जिनकी उम्र 75 वर्ष से अधिक होकर वे लोग चलने फिरने में सक्षम नहीं है। जिससे यह तथ्य प्रमाणित है कि मनरेगा में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। संपूर्ण मामले को लेकर ग्रामीण नागरिकों द्वारा 19 नवंबर को एक ज्ञापन कलेक्टर के नाम सौंपा गया था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है दिए गए आवेदन में मांग की गई है कि पद पर रहते हुए कदाचरण करने, पद का दुरुपयोग करने, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ विवाहित होते हुए अवैध संबंध स्थापित करने, चरित्रहीन होने के कारण पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने को लेकर सरपंच जितेंद्र कुमार माली को तत्काल पद से हटाया जावे साथ ही ग्राम पंचायत के खाता से लेन देन पर रोक लगाई जावे।

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