नीमच।भारत में मस्जिद,दरगाह मदरसो एवं वक़्फ़ संपत्तियों पर जबरन कब्जा करने के मामले को लेकर शुक्रवार को आम मुस्लिम समाज द्वारा महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि को सोपा गया। दिए गए ज्ञापन में मुस्लिम समाज में बताया कि भारत में मुस्लिम समाज की संपत्तियां मस्जिद दरगाह मदरसा व वक़्फ़ संपत्ति मौजूद है जो वक़्फ़ बोर्ड में दर्ज हैं उसको लेकर अकारण विवाद पैदा किया जा रहा है जबकि भारतीय संसद द्वारा पारित उपासना स्थल या धर्मस्थल कानून 1991 में कानून पास किया गया था कि भारत में किसी भी पुरानी मस्जिद दरगाह मदरसे को नहीं छेड़ा जाए व संपत्ति जिस हालत में है उसी हालत में रहेगी। उसके लिए कोई वाद विवाद या न्यायालय कार्रवाई नहीं की जाएगी। परंतु वर्तमान में देखा जा रहा है कि आए दिन मदरसे मस्जिद और वक़्फ़ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर न्यायालय में वाद प्रस्तुत किए जा रहे हैं और न्यायालय भी ऐसी बात को बगैर कानून का पालन किया 1991 के अधिनियम के विपरीत जाकर मुस्लिम पक्ष को सुने बगैर आदेश पारित कर रहे हैं ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश स्थित संभल शहर में वर्षों पुरानी जामा मस्जिद में देखने को मिला है जिसमें सन 1991 में पारित कानून के विपरीत जाकर सर्वे का आदेश पारित किया जब मस्जिद में कुछ नहीं मिला तो प्रशासन ने अकारण सर्वे की जीद पकड़ ली जिसके कारण पूरा संबल जल गया और बेगुनाह पांच मुस्लिम नौजवानों की मौत हो गई। वहीं अब पुनः न्यायालय द्वारा अजमेर राजस्थान स्थित विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज की दरगाह के संबंध में भी बाद स्वीकार कर सभी पक्षों को नोटिस भी जारी किए गए हैं जिसमें भी न्यायालय ने वर्ष 1991 के अधिनियम का पालन नहीं किया है वर्तमान परिस्थितियों को देखकर लगता है कि केवल एक ही समुदाय को टारगेट किया जा रहा है और केवल एक ही समाज के विरुद्ध गतिविधियां चल रही है जिस पर लगाम लगाना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा भारत से अल्पसंख्यक मुस्लिम समाज को व उनकी संपत्तियों को नष्ट कर दिया जाएगा और भारत की एकता अखंडता को समाप्त कर दिया जाएगा। भारत के संविधान में हर नागरिक को शांति प्रेम आजादी के साथ अपने-अपने धर्म अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता है जिस में कतिपय लोग हस्तक्षेप कर संविधान की मूल भावना को नष्ट करने में लगे हुए हैं दिए गए ज्ञापन में मुस्लिम समाज ने मांग की है कि उपरोक्त मामले में वर्ष 1991 के अधिनियम का पालन कर कार्रवाई करे व दोषियों पर वैधानिक व उचित कार्रवाई की जाए।