नीमच। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारो के विरोध में बुधवार को सर्व सनातन हिन्दू समाज सड़को पर उतरा ओर जन आक्रोश रैली निकाली गई,दोपहर 1 बजे सर्व सनातनी हिन्दू समाज के लोग हजारों की संख्या में दशहरा मैदान एकत्रित हुए,जहा धरना प्रदर्शन किया गया।इस दौरान महामंडलेश्वर हरिओम दास महाराज, महामंडलेश्वर सुरेशानंद शास्त्री धनवंतरी पीठासीन, साध्वी अर्पणा दीदी नागदा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वाराणसीह,साध्वी ज्योति प्रिया दीदी भागवता चार्य व मुख्य वक्ता मोहित सेंगर प्रचारक ग्वालियर का मार्गदर्शन मोजूद लोगो को प्राप्त हुआ।धरना प्रदर्शन का सफल संचालन कवित्री प्रेरणा ठाकरे ने किया।संतो के उद्बोधन के बाद दशहरा मैदान से जन आक्रोश रैली प्रारम्भ हुई जो विजय टॉकीज चौराहा पुस्तक बाजार जाजू बिल्डिंग तिलक मार्ग सराफा बाजार घंटाघर नया बाजार बारादरी फवारा चौक फ्रूट मार्केट चौराहा कमल चौक टैगोर मार्ग होते हुए भारत माता चौराहे पर पहुंची जहां राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि एडीएम लक्ष्मी गामण को सोपा जिसका वाचन अनुपाल सिंह झाला द्वरा किया गया। सर्व सनातन हिंदू समाज द्वारा राष्ट्रपति के नाम सौंप गए ज्ञापन में बताया गया कि हाल ही में आयोजित चलो बांग्लादेश आंदोलन जो असम के करीमगंज से आरंभ होकर सुतारकंडी बॉर्डर तक पहुंचा इस बात का प्रमाण है कि भारत के लोग बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के प्रति गहरी चिंता और आक्रोश व्यक्त करते हैं समस्त सनातन हिंदू समाज द्वारा ज्ञापन में प्रमुख मुद्दे रखे गए हैं जिसमें चिन्मय प्रभु की बिना शर्त रिहाई को लेकर बताया गया कि चिन्मय प्रभु जो भारत और बांग्लादेश दोनों ही देश में लाखों लोगों के आध्यात्मिक मार्गदर्शन है की गिरफ्तारी मानव अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन है उनकी गिरफ्तारी के पीछे कोई वेध कारण नहीं है अतः उन्हें बिना शर्त रिहाई दी जाए,ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के हिंदू मंदिरों को तोड़ा जा रहा है जिससे न केवल हमारी धार्मिक धरोहर को हानि पहुंच रही है बल्कि यह हिंदू समुदाय की आत्मा पर भी आघात है।हिंदू परिवारों की संपत्तियों को लूटकर उन्हें उनके घरों से बेदखल किया जा रहा है यह परिवार आज विस्थापन गरीब और सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहे हैं।महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार हो रहे हैं हिंदू महिलाओं और बच्चों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है उनके साथ यौन शोषण अपहरण और जबरन धर्मांतरण जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही है। दिए गए ज्ञापन में मांग की गई है कि बांग्लादेश सरकार से यह सुनिश्चित कराया जाए कि वह हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा धार्मिक स्वतंत्रता और उनके नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए, बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पूजा स्थलों और धार्मिक ग्रंथो की रक्षा सुनिश्चित की जाए और इन्हें अंतरराष्ट्रीय धरोहर के रूप में मान्यता दी जाए, जिन हिंदू परिवारों को उनकी जमीन और घरों से बेदखल किया गया है उन्हें उनके मूल स्थान पर पुनर्स्थापित किया जाए और उनकी संपत्तियों को वापस दिलाया जाए, भारत सरकार इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार आयोग और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाए ताकि बांग्लादेश सरकार पर वैश्विक दबाव बने और हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा हो सके, भारत सरकार बांग्लादेश के साथ उच्च स्तरीय कूटनीति वार्ता कर इस मुद्दे को हल करने के लिए कार्य करें।दिए गए ज्ञापन में एक संकल्प भी लिया गया है जिसमें बताया गया कि हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यदि हमारी मांगों को समय रहते पूरा नहीं किया गया तो सनातनी एक मंच इस आंदोलन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी रखेगा हमारा उद्देश्य किसी भी प्रकार की हिंसा नहीं है बल्कि यह एक अहिंसात्मक आंदोलन है जो मानवता न्याय और धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए समर्पित है।इस प्रदर्शन व जन आक्रोश रैली में समस्त सामाजिक संगठन,व्यापारिक संगठन,धार्मिक संगठन, गरबा आयोजन के संगठन,गणेश उत्सव के संगठन,छात्र संगठन, अधिवक्ता संगठन,सराफा व्यवसाई संगठन,मंडी व्यापारी संगठन,कर सलाहकार संगठन,मातृ शक्ति संगठन,दवा व्यवसाई संगठन,अखाड़ा संगठन, होटल व्यवसाई संगठन, हम्माल संघ,सभी समाज के सामाजिक संगठन,कांग्रेस व जिले के जनप्रतिनिधि सहित हजारों की संख्या में महिला पुरुष युवक व युवतियां शामिल हुए।आयोजन का समापन भारत माता की आरती के साथ हुआ।