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विहिप व बजरंग दल  विचार विमर्श कार्यक्रम संपन्न

नीमच। भारतीय सनातन संस्कृति में संसार को जीवन जीने की कला का मार्गदर्शन के लिए ज्ञान का मार्गदर्शन प्रदान किया है। भारतीय सनातन संस्कृति ने ही सबसे पहले कहा है कि पूरा विश्व मेरा परिवार है भारतीय सनातन संस्कृति संसार की सर्वोच्च संस्कृति है। विदेशी ताकतें  नष्ट करने के अनेक प्रयास कर चुकी है लेकिन सनातन संस्कृति के संस्कार इतने सुदृढ़ है कि इसका आदि न अंत यही सनातन संस्कृति कहलाती है। यह बात विश्व हिंदू परिषद के प्रांत संगठन महामंत्री खगेंद्र सिंह भार्गव ने कही। वे विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल द्वारा गोधाम बालाजी स्थित प्रांगण में आयोजित विचार विमर्श कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए हिंदू समाज को संगठित होकर जागरूक रहना होगा। हिंदू दर्शन को प्रभावित करने के लिए मुगलो एवं अंग्रेजों ने विचारों को दूषित करने के अनेक प्रयास किये लेकिन वे कभी भी सफल नहीं हो पाए।भारतीय पुरातन सनातन संस्कृति पुनर्जन्म पर विश्वास करती है।भारत में रहना है तो जय श्री राम कहना चाहिए। भारत हिंदू बाहुल्य देश है लेकिन व्यापार शिक्षा परिधान सभी क्षेत्र में मुस्लिम हमले हो रहे हैं हमें बचना होगा। हिंदू कुछ कहे तो कट्टरवाद, मुस्लिम कुछ भी कहे तो कोई बात नहीं। जय फिलिस्त्रीन के नारे लगाते हैं लेकिन रोहिंग्या भारत में आ रहे हैं इस पर कोई भी विपक्षी पार्टी नहीं बोल रही है चिंतन का विषय है सोशल मीडिया पर मुस्लिम यूवको द्वारा ब्राह्मण और दलित नाम से आईडी बनाकर हिंदुओं में भ्रम फैलाया जाता है इससे हमें सावधान रहना चाहिए। इस अवसर पर कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यवाह अनिल जैन, शैलेंद्र गर्ग भी मंचासिन थे।कार्यक्रम शुभारंभ में कैलाश नाना द्वारा जय जय मेरा देश महान स्वाभिमान जाग जन-जन में  गीत प्रस्तुति से किया। इस अवसर पर प्रहलाद राय गर्ग दडोली वाला, जम्बु कुमार जैन,अजय भटनागर, योगीराज रंजन स्वामी, सुरेश सिंहल, धर्मेंद्र शर्मा, मातृशक्ति जिला संयोजक माया दवे, विभाग संयोजिका रेखा वर्मा ,दुर्गा वाहिनी जिला संयोजक पूजा सोनगरा, नगर सहसंयोजिका मीरा जोशी, सुलोचना दीदी, राधा दीदी, सपना दीदी मातृशक्ति सहित अनेक वरिष्ठ समाज जन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट अनुपाल सिंह झाला ने किया । कार्यक्रम का विश्राम सर्वे भवंतु सुखीन: मंत्र शांति पाठ के साथ किया गया।

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