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मंगलवार से होगा 7 दिनी श्री भक्तमाल कथा का वाचन,कलश यात्रा के साथ होगा कथा का शुभारंभ

नीमच। नीमच जिले में पहली बार हो रही 7 दिनी श्री भक्तमाल कथा को लेकर तैयारियां पूर्ण हो गई है। कथावाचक वृंदावन धाम के प्रसिद्ध संत गौरदास महाराज का सोमवार को ही नीमच आगमन हो रहा हैं वहीं मंगलवार को कलश यात्रा के साथ कथा का भव्य शुभारंभ होगा। उक्त आयोजन को लेकर आयोजकों द्वारा वृहद स्तर पर प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है। इस कारण शहर के अलावा पूरे जिले में धर्ममय वातावरण निर्मित हो गया है।श्री अग्रसेन सोश्यल ग्रुप के तत्वावधान में उक्त आयोजन हो रहा है। ग्रुप के अध्यक्ष आशीष मित्तल व सचिव आशीष गर्ग ने बताया कि जिलेवासियों में कथा को लेकर काफी उत्साह है। 24 से 30 दिसंबर तक रोजाना शहर के गोमाबाई रोड स्थित सीएसवी अग्रोहा भवन में दोपहर 12 से 4 बजे तक संत गौरदास जी महाराज विभिन्न प्रसंगों पर भक्तमाल कथा का वाचन करेंगे। कथा से एक दिन पूर्व ही महाराज का सोमवार को चित्तौडगढ से कार के काफिलों द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 12.30 बजे नगर आगमन होगा। यहां उनका धूमधाम से स्वागत किया जाएगा। संत श्री का नीमच में आवास व विश्राम विकास नगर स्कीम नंबर 14/4 स्थित मकान नंबर 313-314 अनिल गोयल एप्टेक के घर पर रहेगा। यहीं से वे रोजाना आयोजन स्थल पर पधारेंगे। आयोजन को लेकर संपूर्ण तैयारियां पूर्ण हो गई। कथा श्रवण करने शहर व आस पास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु व संतश्री के अनुयायी के आने की संभावना है। इसको देखते हुए आयोजकों द्वारा विभिन्न व्यवस्थाओ के लिए समितियों का गठन कर उनके प्रभारी व सदस्यों को नियुक्त किया और जिम्मेदारी सौंपी गई है।7 दिनी श्री भक्तमाल कथा का शुभारंभ कलश यात्रा  24 दिसंबर को सुबह 9.30 बजे घंटाघर के पास स्थित अग्रवाल समाज के नृसिंह मंदिर से बैंड बाजों और ढोल ढमाकों के साथ कलश किया जाएगा।महिला मंडल के तत्वावधान में आयोजित कलश यात्रा में महिला व युवतियां सिर पर कलश धारण कर निकलेगी। यात्रा में कथा वाचक पं. गौरदासजी महाराज विशेष रूप से बग्गी में सवार होकर चलेंगे और शहरवासियों को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। गुरूजी के साथ पवित्र धार्मिक ग्रंथ व उनकी पूरी टीम भी रहेगी। कलश यात्रा मंदिर से प्रारंभ होकर तिलक मार्ग स्थित प्रमुख बाजार क्षेत्र में होते हुए अग्रसेन वाटिका पहुंच कर संपन्न होगी। कलश यात्रा का मुख्य आकर्षण भादवामाता के बटुक होंगे जो रास्ते भर संकीर्तन करते चलेंगे। कलश यात्रा का रास्ते भर विभिन्न संगठनों द्वारा पुष्पा वर्षा कर स्वागत-सम्मान किया जाएगा।

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