एक ईंट भी नहीं लगी और मिल गए ढ़ाई लाख रुपये
सिंगोली।आवासहीन और कच्चे मकानों में निवास करने वाले गरीबों को पक्का मकान बनाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना सिंगोली में घोटाले की भेंट चढ़ गई है और जो तथ्य उजागर हुए हैं उनके मुताबिक पीएम आवास योजना में ऐसे ऐसे लोगों को ढाई लाख रुपये मिल गए जिन्होंने मकान निर्माण के रूप में एक ईंट भी नहीं लगाई जिससे पूरा का पूरा सिस्टम ही सवालों के घेरे में आ गया है और अब प्रश्न इस बात को लेकर उठ रहे हैं कि सिंगोली नगर परिषद में योजना के लिए पात्र हितग्राहियों को नजरअंदाज करते हुए फर्जीवाड़ा करके पीएम आवास योजना में घोटाला किया किसने ?उल्लेखनीय है कि नगर परिषद क्षेत्र में योजना के तहत चयनित हितग्राही को ढाई लाख रुपये अलग अलग चरणों में कार्य पूरा करने की तस्दीक होने के बाद ही किश्तों में राशि का भुगतान किया जाता है लेकिन जब आवास स्थल पर निर्माण ही नहीं किया गया तो प्रधानमंत्री आवास योजना में चयन करके फर्जी हितग्राहियों को ढाई लाख रुपये किस बात के लिए दिए गए और किसकी अनुशंसा पर दिए गए हैं इन सब तथ्यों की मैदानी स्तर पर जाँच पड़ताल की जानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आए क्योंकि सरकार की योजना का ऐसा फर्जीवाड़ा जिसमें पात्र हितग्राही को लाभ से वंचित करते हुए अपात्रों को सरकारी खजाने से रकम दिलवाना पूर्णतः आपराधिक कृत्य है जिसके भागीदार न केवल राशि जमा करने वाले बल्कि वे लोग भी हैं जिन्होंने ऐसा आपराधिक कृत्य करके योजना के नाम पर बगैर निर्माण किए ही सरकारी ढाई लाख रुपये डकार लिए हैं।जानकारी यह भी मिल रही है कि आवास योजना में चयनित हितग्राहियों को लम्बे समय से अगली किश्त के रूप में राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है लेकिन 5 से 10 हजार रुपये कमीशन देने वाले हितग्राहियों को राशि का भुगतान कर दिया गया है और इस बात की पुष्टि इसी से की जा सकती है कि निर्माण ही नहीं हुआ और योजना में प्राप्त होने वाली सम्पूर्ण राशि का भुगतान कर दिया गया जबकि नियमानुसार आवास का निर्माण करने वाले वास्तविक रूप से पात्र हितग्राहियों को कमीशन के अभाव में द्वितीय किश्त की राशि का भुगतान एक साल से भी ज्यादा समय बीतने के बाद भी नहीं किया जा रहा है।सिंगोली नगर परिषद के अंतर्गत लाभान्वित हितग्राहियों में ऐसे एक नहीं बल्कि कई अपात्र लोगों को योजना के माध्यम से अनैतिक लाभ पहुँचाया गया और रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करके आपराधिक कृत्य भी किया गया।