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बढ़ी हुई दर से पुन:निरीक्षित न्यूनतम वेतन देने की मांग, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू ने सोपा ज्ञापन

नीमच। बढ़ी हुई दर से पुन:निरीक्षित न्यूनतम वेतन देने की मांग को लेकर बुधवार को सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन सीटू ने एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि को सोपा,जिसमे बताया गया कि 10 वर्षों के पश्चात पुनः निश्चित वेतन न्यूनतम वेतन मजदूरों को अप्रैल 2024 से लागू हुआ था किंतु चंद उद्योगपतियों द्वारा मध्य प्रदेश सरकार की उदासीनता के चलते, स्टे लेने के पश्चात यह वेतन लागू नहीं हो सका है। संगठन द्वारा इंटरविनर बनने के पश्चात 3 दिसंबर 2024को माननीय उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश द्वारा यह स्टे समाप्त कर दिया गया है।जब उद्योगपतियों को स्टे मिला था तब मध्य प्रदेश सरकार द्वारा उसी दिन शाम को समस्त श्रम कार्यालय को निर्देश भेजे गए थे और इसी कारण से मजदूरों को पुर्ननिरिक्षत वेतन नहीं मिला। किंतु 3 दिसंबर 2024 को स्टे समाप्त होने के पश्चात आज दिनांक तक बढ़ी हुई दर से न्यूनतम वेतन नहीं दिया जाना अवैधानिक ही नहीं न्यायालय की तोहीन है और मजदूरों के अधिकार पर कुठाराघात है सरकार की उदासीनता के चलते प्रदेश के 25 लाख मजदूर बड़ी हुई दर से न्यूनतम वेतन पाने से वंचित है। इससे सिद्ध हो रहा है कि मध्य प्रदेश की सरकार और श्रम विभाग गरीब मजदूरों के अधिकार को सुरक्षित रखने में नाकाम रहे है।आज प्रदेश स्तरीय आंदोलन में इस ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि शीघ्र ही तीन दिसंबर 2024 के माननीय उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश के निर्णय के आलोक में बढ़ी हुई दर से न्यूनतम वेतन देने का आदेश जारी किया जाए,साथ ही निजी एवं सरकारी उद्योगी कार्यालय,निगम,परिषदों व संस्थानों में कार्यरत ठेका,स्थाई,अस्थाई, दैनिक वेतन भोगी आउटसोर्स,संविदा, कर्मियों श्रमिकों सहित ग्राम पंचायत में कार्यरत नल चालक एवं भृत्य को न्यूनतम वेतन दिए जाने का आदेश जारी किया जाए,यदि यह शीघ्र नहीं होता है तो संगठन प्रदेश स्तर पर लगातार आंदोलन करेगा।

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