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किसानो के निजी स्वामित्व खाता भूमियो से वन विभाग का कब्जा हटाने व वनरक्षक पर कार्यवाही की मांग,किसानों ने सोपा ज्ञापन

नीमच। किसानो के निजी स्वामित्व की खाता भूमियो पर से वन विभाग का अवैध कब्जा हटाने तथा वनरक्षक के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर सोमवार को ग्राम बोराकुड़ी तहसील सिंगोली के किसान कलेक्टर कार्यालय पहुचे जहा उन्होंने एक आवेदन प्रस्तुत कर बताया की ग्राम बोराकुडी प.ह.न. 25 तहसील सिंगोली जिला नीमच म.प्र. में स्थित खसरा नं. 2, 4, 5, 16, 17 की कृषि भूमिया वर्ष 1935-36 की मिसल बंदोबस्त से हमारे पूर्वजो के नाम भूमिस्वामी स्वत्व की रही है और उक्त खसरा नम्बर में से केवल खसरा नं.16 में से मात्र 08 बीघा को छोडकर इसके अलावा कोई भूमि कभी भी वन विभाग को आवंटित नही की गयी है।वर्ष 1964 में गजट नोटिफिकेशन से वन विभाग को भूमि आवंटन की गयी है उसके खसरा नम्बर व रकबा की प्रति संलग्न है।उसमे भी उल्लेखित खसरा नम्बर के कुल रकबा में से कुछ रकबा भूमि ही वन विभाग को आवंटित की गयी है।जनसुनवाई में की गयी शिकायत दिनांक 03.09.2024 के परिपेक्ष में दिनांक 18.09.2024 को स्वयं वन विभाग द्वारा राजस्व विभाग की उपस्थिति में ग्राम बोराकुडी के अन्य खसरा नम्बरो सहित उपरोक्त खसरा नम्बर का निरीक्षण किया गया जिसमे समस्त स्थिति पुरी तरह स्पष्ट हो गयी है उस अनुसार जो खसरा नम्बर व उसकी भूमि वन विभाग को आवंटन ही नही की गयी है उस भूमि पर भी तथा किसानो की निजी स्वामित्व की खाता भूमियो पर भी वन विभाग ने अवैध कब्जा कर रखा है जो विधि विरूद्ध है।खसरा नं. 2, 4, 5, 17 तथा 16 में से 08 बीघा को छोड़कर यह नम्बर व इसकी भूमियो पर करीब 71 किसानो की 220 बीघा भूमियो पर व शेष करीब 190 बीघा की राजस्व विभाग की भूमियो पर वन विभाग का अवैध कब्जा है।ग्राम बोराकुडी में उपरोक्त खसरा नम्बर व वन विभाग को आवंटित किये गये खसरा नम्बर के अलावा भी अन्य कई खसरा नम्बर की भूमियो पर व आवंटित भूमियो के अधिक रकबा भूमि पर वन विभाग ने अवैध कब्जा कर रखा है जिससे किसानो के साथ-साथ आदिवासी समाज व ग्राम पंचायत बोरदिया भी दुःखी होकर प्रताडित व परेशान है।किसानो की निजी स्वामित्व की खाता भूमियो पर वन विभाग का अवैध कब्जा होने से अन्नदाता किसान अपनी ही भूमि पर कृषि नही कर पा रहा है और मौके पर अपनी भूमि पर कृषि करने का प्रयास करते है तो नीमच जिले के वन विभाग रतनगढ रेंज के वनरक्षक दादागिरी करते है व किसानो की इन भूमियो को वन विभाग की भूमि बताकर किसानो को वहां नही आने देता है ओर पुलिस केस में फंसाकर जेल भिजवाने की धमकी दी जा रही है।और अवैध रूपयो की मांग की जा रही है।ज्ञापन में मांग की गई है कि हम किसानो के साथ न्याय कर हमारे निजी स्वामित्व की खाता भूमियो पर से वन विभाग का अवैध कब्जा हटवाकर हमारी भूमियो का विधिवत सीमांकन कराकर हमे भूमि दिलाई जाए व वनरक्षक परआपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाकर कार्यवाही की जाए।इस दौरान,राहुलकुमार,संजयकुमार,प्रहलाद,मुरलीध,सीताराम,नारायण,रामसुख सहित अन्य किसान मोजूद रहे।

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