नीमच। नीमच जिले के जीरन तालाब में मत्स्य लाइसेंस रद्द करने की मांग को लेकर बुधवार को ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि को सोपा, दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि ग्राम जीरन में स्थित सती माता मंदिर, पंच देवल महादेव,मंदिर खाकी बांग्ला हनुमान मंदिर, भैसासरी माताजी का मंदिर ,श्री महावीर गौशाला, बाग वाले हनुमान मंदिर आदि मंदिर स्थित है उक्त मंदिरों के मध्य एक तालाब भी है तालाब के निर्माण के समय ही तालाब के किनारे दोनों छोर पर शिलालेख लगाया गया है जिसमें स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि उक्त तालाब में किसी भी प्रकार का शिकार करना सख्त मना है जहा तालाब पर घाट बने हुए हैं यहां श्रद्धालु गांव वासी मंदिरों पर दर्शन करने आते हैं व घाट पर भी बैठते हैं और पूजा अर्चना की जाती है महिलाएं व बच्चे श्रद्धालु तालाब में स्नान करते हैं और धार्मिक अनुष्ठान भी तालाब पर होते हैं इस दौरान जीरन तालाब का वातावरण धार्मिक हो जाता है तालाब के पानी में मछलियां भी है जिला पंचायत नीमच द्वारा तालाब में मछली पकड़ने हेतु महामाया मत्स्य सहकारी समिति मर्यादित पावटी,तहसील जीरन जिला नीमच को दिनांक 17 जनवरी 2025 से 31 जून 2034 तक कुल 10 वर्ष की अवधि के लिए मछली पकड़ने हेतु ठेका आदेश क्रमांक दिया गया है यह तालाब एक धार्मिक स्थान पर स्थित है वार त्यौहार पर वहां धार्मिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं डोल ग्यारस पर भगवान के झूले का स्नान कराया जाता है दोनों नवरात्रि में माता जी का स्नान चौकी भी उक्त तालाब में होती है नगर परिषद द्वारा तालाब के पानी को यूआइडीएसएस एमपी जल प्रदाय योजना के तहत जीरन शहर के पेयजल का वितरण केंद्र बनाया गया है जो पेयजल के लिए आरक्षित है यदि इस तालाब से मछलियों को पकड़ लिया जाएगा तो तालाब की गंदगी फैलेगी,तालाब के आसपास मंदिरों पर आने वाले श्रद्धालुओं का मछली की बदबू से पूजा पाठ करना असंभव हो जाएगा श्रद्धालुओं की आस्था पर आघात पहुंचेगा और मछली पकड़ने वाले यहां दिन-रात मत्स्य आखेट करेंगे और मछलियों के अवशेष भी मंदिर के आसपास पड़े रहेंगे जिससे गंदगी फैलेगी व लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होगी ऐसी स्थिति में मछली पकड़ने हेतु जारी लाइसेंस को निरस्त किया जाए। ग्रामीणों ने बताया कि इस तालाब में मत्स्य आकर के ठेके के लिए कोई पारदर्शिता नहीं अपनाई गई है जिन लोगों के नाम लिए जा रहे हैं उनका उक्त समिति से कोई लेना-देना भी नहीं है ऐसे में इस ठेके प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।