सिंगोली(संवाददाता)। मध्यप्रदेश के ईमानदार मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के द्वारा लगातार मध्यप्रदेश में तस्करी रोकने के अथक प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन शायद नीमच जिले की सिंगोली पुलिस ने इसी बात का फायदा उठाते हुए तस्करी के इस खेल को बेहतरीन व्यापार के रूप में चुन लिया है।एनडीपीएस एक्ट के प्रकरणों की संख्या तो लगातार बढ़ रही लेकिन तस्करी रोकने के लिए नहीं अपने निजी स्वार्थ के कारण क्योंकि जब भी कोई एनडीपीएस एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध होता है तो अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा के साथ पकड़ा गया आरोपी जो डोडाचूरा सिंगोली के क्षेत्र से किसी व्यक्ति से खरीदता है और किसी और को बेचने के लिए ले जा रहा होता है उक्त व्यक्ति के द्वारा पुलिस को डोडाचूरा उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति व डोडाचूरा किसको देने जाने वाला है इसके बारे में पुलिस को भलीभांति बता दिया जाता है फिर पुलिस द्वारा धारा 29 एनडीपीएस एक्ट के आरोपियों का लाखों रुपए में तोड़ बट्टा करके उन्हें आरोपी नहीं बनाया जाता और पकड़े गए व्यक्ति के मेमोरेंडम में घिसी पिटी कहानी लिख दी जाती है कि पकड़े गए व्यक्ति ने बताया कि उक्त डोडाचुरा जिस व्यक्ति ने दिया उस व्यक्ति को शक्ल से जानता हूँ नाम से नहीं जानता हूँ पता भी मुझे मालूम नहीं है सामने आएगा तो पहचान लूँगा।इस प्रकार से लाखों रुपये लेकर अब तक डोडाचूरा उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति को बचा लिया जाता है और उसे आश्वासन दिया जाता है कि अब काम करे तो हमें बता के करना तेरे लगे हुए पैसे हम वापस निकलवा देंगे।हाल ही में नीमच जिले की सिंगोली पुलिस ने दिनांक 18.05.2025 को एक मारुति सियाज कार से 75 किलोग्राम डोडाचूरा के साथ आरोपी को पकड़ा था।सूत्र बताते हैं कि पकड़ा गया डोडाचूरा ग्राम झांतला से उपलब्ध कराया था जिसका तोड़ बट्टा एक जनप्रतिनिधि के माध्यम से कर लिया गया।तोड़ बट्टे में सक्रिय दो हैडसाहब ने 22 लाख रुपए में तोड़बट्टा कर लिया तथा इन दोनों हेडसाहब के द्वारा माहुपुरा के एक व्यक्ति से बंदी के रुपए मांगने पर नहीं देने पर इसी प्रकरण में उसको वह उसके भाई को आरोपी बना दिया गया जबकि वास्तव में इस प्रकरण से इन दोनों का कोई लेना-देना नहीं था इस तरह पुलिस की यह कार्रवाई नैतिकता पर सवालिया निशान खड़े करती है।इसी प्रकार सिंगोली पुलिस द्वारा दिनांक 06/06/25 को एक सफेद रंग की विटारा ब्रेजा कार से 2 क्विंटल 30 किलो अवैध मादक पदार्थ डोडाचूरा के साथ आरोपियों को पकड़ा था सूत्र बताते हैं कि उक्त मामले में 180 किलोग्राम डोडा चूरा का कैस बनाया गया।उक्त प्रकरण में भी तोड़ बट्टे में सक्रिय थाने के दोनों हेडसाहब द्वारा सिंगोली क्षेत्र के दलालों के माध्यम से लगातार तोड़ बट्टे के प्रयास कर रहे थे जो अंततः 30 लाख रुपए में रायती के एक दलाल के माध्यम से डोडाचूरा उपलब्ध कराने वाले ग्राम अमरपुरा निवासी व्यक्ति का तोड़ बट्टा कर लिया गया।क्या मध्यप्रदेश के ईमानदार मुख्यमंत्री पुलिस से इसी प्रकार की अपेक्षा रखते हैं ?तस्करी की रोकथाम में पुलिस मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप कार्य नहीं कर रही है और करोड़ों के भ्रष्टाचार करके इस प्रकार से अवैध वसूली कर रही है जिसको रोकने वाला कोई धनी-धोरी नहीं है ?