कलेक्टर के आदेश पर नहीं की कार्यवाही
नीमच।राजस्व विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की मिलीभगत से खाली पड़ी सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण करने के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि के कारण अब सरकारी स्कूलों की जमीनें भी अवैध रूप से कब्जे कर अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है।नीमच जिले में लागू की जाने वाली स्कूल शिक्षा विभाग की मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की महत्वाकांक्षी योजना सीएम राइज के विद्यालय भी अतिक्रमण की चपेट में हैं जिनके अतिक्रमण हटाने के लिए नीमच जिला कलेक्टर मयंक अग्रवाल द्वारा आदेश भी जारी कर दिए गए हैं लेकिन मामलों में सम्बन्धित अधिकारियों व कर्मचारियों ने समयावधि बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की है जिससे राजस्व महकमे की भूमिका सन्देह के घेरे में दिखाई दे रही है क्योंकि कलेक्टर द्वारा सरकारी स्कूलों की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त करने हेतु समय समय पर निर्देश दिए गए थे फिर भी नतीजा कुछ नहीं निकला।उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए शेड्यूल के मुताबिक अगले सत्र अर्थात 2022-23 में इस योजना में चयनित विद्यालय कार्य करना शुरू कर देंगे जिसकी तैयारियाँ चल रही है लेकिन राजस्व महकमे के कतिपय भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना के प्रति भी अकर्मण्यता और लापरवाही बरती जा रही है जबकि सत्र प्रारम्भ होने से पहले सभी बुनियादी सुविधाएँ मुहैया कराने की दिशा में कार्य प्रचलित हैं लेकिन कतिपय नौकरशाह शासन की मंशा को पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं जिससे आगामी सत्र में इस योजना के विद्यालयों के क्रियान्वयन में देरी की आशंका जताई जा रही है।गौरतलब है कि नीमच जिले में नीमच एवं मनासा विकासखण्ड में एक एक तथा जावद विकासखण्ड में दो विद्यालय सीएम राइज के रूप में क्रियान्वित करने की कवायद शुरू कर दी गई है जिनका प्रदेश स्तर पर कार्य करने वाली वास्तु एजेन्सी द्वारा निरीक्षण किया गया जिसमें से दो विद्यालयों शासकीय मॉडल उ.मा.वि.मनासा और शासकीय बालक उ.मा.वि.सिंगोली के स्कूलों की जमीन पर मौके पर अतिक्रमण पाया गया जिस पर आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल ने नीमच कलेक्टर को पत्र लिखकर हटाने के लिए कहा था जिसके पालन में कलेक्टर नीमच ने 27 जनवरी को सम्बन्धित उपखण्ड के अनुविभागीय अधिकारियों को चयनित विद्यालयों की भूमि से 7 दिवस में अतिक्रमण हटाने और भूमि का सीमांकन करने के आदेश जारी कर दिए थे लेकिन समयावधि पूर्ण हो जाने के बावजूद भी मामलों में किसी तरह की कार्यवाही नहीं की गई।जानकार सूत्र बताते हैं कि सिंगोली में लाखों रुपये की अवैध वसूली कर स्कूल की जमीनों पर अतिक्रमणकर्ताओं को संरक्षण दिए जाने एवं अतिक्रमणकर्ताओं को अनैतिक लाभ दिए जाने की नीयत से मार्च 2021में किए गए गलत सीमांकन की पोल खुल जाने की वजह से एक ओर जिला प्रशासन को गलत जानकारी देकर गुमराह करते रहे हैं वहीं सिंगोली के राजस्व निरीक्षक सुरेश निर्वाण द्वारा गत वर्ष स्कूल की जमीन पर एक धन्ना सेठ के अतिक्रमण की रक्षा के लिए किए गए कारनामे भी स्कूल शिक्षा विभाग ने उजागर कर दिए हैं जिसके चलते न तो नियमानुसार और न ही विधि अनुसार कार्यवाही की गई तथा मामले में कलेक्टर के आदेश-निर्देश भी बला-ए-ताक में रख दिए गए।गौरतलब है कि 5 मार्च 2021को राजस्व निरीक्षक सुरेश निर्वाण ने शासकीय बालक हायर सेकेंडरी स्कूल की भूमि का सीमांकन किया गया था जिसमें मौके पर स्कूल की डेढ़ बीघा जमीन पर अतिक्रमण पाया गया था लेकिन अतिक्रमण हटाने के बजाय लाखों रुपए का लेनदेन करके स्कूल की करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन पर न केवल अतिक्रमण करवाया बल्कि सड़क किनारे पक्की दुकानों का निर्माण भी करवा दिया क्योंकि जिलाधीश को तो भ्रमित कर ही दिया था लेकिन अब स्कूल का चयन सीएम राइज में होने के बाद सिंगोली के इस सरकारी स्कूल की जमीन पर अतिक्रमण और सीमांकन का जिन्न फिर से बोतल के बाहर आता हुआ दिखाई दे रहा है वहीं अब सबकी निगाहें जिले के संवेदनशील कलेक्टर मयंक अग्रवाल पर टिकी हुई है।