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गुर्जर समाज की एकजुटता के आगे झुका प्रशासन : पाँच बच्चों का निष्कासन निरस्त, दो पर जाँच के बाद निर्णय

नीमच।रेवली देवली शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के बीच हुए विवाद में निष्कासित सात बच्चों के मामले ने तूल पकड़ लिया। शनिवार को गुर्जर समाज जिला अध्यक्ष चंपालाल गुर्जर के नेतृत्व में समाजजन सड़कों पर उतर आए। पहले थाने पर प्रदर्शन, फिर रैली निकालकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया गया। समाज की एकजुटता और दबाव के आगे अंततः जिला प्रशासन को झुकना पड़ा और सात में से पाँच छात्रों के निष्कासन आदेश तत्काल निरस्त कर दिए गए, जबकि शेष दो बच्चों पर दर्ज प्रकरण की जाँच के बाद प्रवेश देने पर सहमति बनी। इसके साथ ही समाज ने प्राचार्य का स्थानांतरण रोकने और गाँव झालरी में हाई सेकंडरी स्कूल की मांग भी उठाई।

समाज का जोरदार प्रदर्शन

18 सितंबर को विद्यालय में बच्चों के बीच हुए विवाद के बाद सात छात्रों को स्कूल प्रशासन ने निष्कासित कर दिया था। इस कार्रवाई को लेकर समाज में आक्रोश बढ़ता गया। शनिवार को सुबह बड़ी संख्या में गुर्जर समाजजन इकट्ठे होकर पहले सिटी थाने पहुँचे और छात्रों पर दर्ज प्रकरण समाप्त करने की मांग रखी। इसके बाद वाहन रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुँचे और नारेबाजी करते हुए कार्यालय का घेराव कर धरने पर बैठ गए।
जिला अध्यक्ष चंपालाल गुर्जर ने कहा कि बच्चों के साथ अन्यायपूर्ण और एकतरफा कार्रवाई की गई है। पहले तो प्राचार्य ने बच्चों और अभिभावकों के बीच समझौता करा दिया था, लेकिन बाद में दबाव बनाकर सात छात्रों को निष्कासित कर दिया गया और झूठी एफआईआर भी दर्ज कराई गई। समाज ने प्रशासन को चेताया था कि यदि बच्चों का निष्कासन आदेश निरस्त नहीं हुआ तो चक्का जाम और दूध बंद जैसे उग्र आंदोलन किए जाएंगे।


---प्रशासन ने मानी मांगें

करीब एक घंटे तक चले हंगामे और चर्चा के बाद प्रशासन ने समाज की प्रमुख मांग मान ली। एसडीएम संजीव साहू ने जानकारी दी कि उच्च अधिकारियों से चर्चा कर सात में से पाँच बच्चों का निष्कासन समाप्त कर उन्हें सोमवार से विद्यालय आने की अनुमति दे दी गई है। वहीं दो बच्चों पर दर्ज एफआईआर की जाँच के बाद प्रवेश देने पर सहमति बनी है। प्रशासन के इस निर्णय से समाजजन संतुष्ट हुए और प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया।

पीड़ित छात्र की आपबीती

पीड़ित छात्र लोकेश गुर्जर ने बताया कि दीवार से नीचे कूदने के दौरान बच्चों के बीच विवाद हुआ। कुछ बच्चों ने उसे घेरकर मारपीट की और उसकी आँख को लेकर आए दिन चिढ़ाते हैं। मारपीट होते देख गाँव के अन्य बच्चे बीच-बचाव करने आए। इसी दौरान धक्का लगने से एक छात्र दरवाजे से टकराया और घायल हो गया। लोकेश ने कहा कि उसने किसी को चोट नहीं पहुँचाई। "हम यही चाहते हैं कि हमें पुनः स्कूल में पढ़ाई का अवसर दिया जाए।

समाज की अतिरिक्त मांगें

प्रदर्शन के दौरान समाज ने शाला प्राचार्य के स्थानांतरण को रोके जाने और गाँव झालरी में वर्षों से लंबित हाई सेकंडरी स्कूल की मांग भी प्रशासन के समक्ष रखी। हालांकि इन मुद्दों पर प्रशासन ने तत्काल कोई निर्णय नहीं लिया।

प्रदर्शन में भारी भीड़

धरना-प्रदर्शन में बड़ी संख्या में समाजजन और युवा वर्ग शामिल हुआ। प्रमुख रूप से अध्यक्ष चंपालाल गुर्जर, देवा गुर्जर, मोहन गुर्जर, मदन गुर्जर मंडल अध्यक्ष, मनोहर गुर्जर मेलकी, महेश गुर्जर भादवा माता, अशोक गुर्जर भदवा, प्रहलाद गुर्जर, कालू गुर्जर, सरपंच शिवनारायण गुर्जर और रमेश गुर्जर सहित भारी संख्या में पदाधिकारी मौजूद रहे।
गुर्जर समाज की एकजुटता और कलेक्टर कार्यालय घेराव के आगे आखिरकार जिला प्रशासन को झुकना पड़ा। पाँच छात्रों का निष्कासन निरस्त होने से उनके भविष्य की राह खुल गई है। वहीं दो छात्रों को भी जाँच पूरी होने के बाद पढ़ाई का अवसर मिलेगा। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि संगठित समाज अपनी बात प्रशासन तक मजबूती से पहुँचा सकता है।

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